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शाद अमृतसरी शायरी | शाही शायरी

शाद अमृतसरी शेर

1 शेर

लज़्ज़त-ए-वस्ल से भी बढ़ के मज़ा आएगा
अपनी तन्हाई से दिल अपना लगा कर देखो

शाद अमृतसरी