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सरवर उस्मानी शायरी | शाही शायरी

सरवर उस्मानी शेर

1 शेर

आते जाते मौसमों का सिलसिला बाक़ी रहे
रोज़ हम मिलते रहें और फ़ासला बाक़ी रहे

सरवर उस्मानी