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सरशार सैलानी शायरी | शाही शायरी

सरशार सैलानी शेर

1 शेर

चमन में इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू से बात बनती है
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो

सरशार सैलानी