EN اردو
समीना राजा शायरी | शाही शायरी

समीना राजा शेर

4 शेर

आब-ए-हैराँ पर किसी का अक्स जैसे जम गया
आँख में बस एक लम्हे के लिए ठहरा ख़याल

समीना राजा




क्या करें आँख अगर उस से सिवा चाहती है
ये जहान-ए-गुज़राँ आइना-ख़ाना ही सही

समीना राजा




सफ़र की शाम सितारा नसीब का जागा
फिर आसमान-ए-मोहब्बत पे इक हिलाल खिला

समीना राजा




शाएरी झूट सही इश्क़ फ़साना ही सही
ज़िंदा रहने के लिए कोई बहाना ही सही

समीना राजा