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सईद राही शायरी | शाही शायरी

सईद राही शेर

7 शेर

दोस्त बन बन के मिले मुझ को मिटाने वाले
मैं ने देखे हैं कई रंग ज़माने वाले

सईद राही




गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं

सईद राही




गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजिए
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं

सईद राही




मैं न पीता तो तिरा लिख्खा ग़लत हो जाता
तेरे लिक्खे को निभाया क्या ख़ता की मैं ने

सईद राही




मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा

सईद राही




रुस्वाई तो वैसे भी तक़दीर है आशिक़ की
ज़िल्लत भी मिली हम को उल्फ़त के फ़साने से

सईद राही




तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं
ऐसी तंहाई का जवाब नहीं

सईद राही