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रशीद अफ़रोज़ शायरी | शाही शायरी

रशीद अफ़रोज़ शेर

1 शेर

घर भी है घर में सभी अपने भी हैं
हाँ मोहब्बत की मगर ख़्वाहिश न कर

रशीद अफ़रोज़