रख लिया बार-ए-अमानत सर पे बे-ख़ौफ़ी के साथ
और क्या करता मिरा दीवाना दिल तेरे लिए
रम्ज़ आफ़ाक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
1 शेर
रख लिया बार-ए-अमानत सर पे बे-ख़ौफ़ी के साथ
और क्या करता मिरा दीवाना दिल तेरे लिए
रम्ज़ आफ़ाक़ी