अगर गुनाह के क़िस्से भी कह दिए तुझ से
गुनाहगार को यारब सवाब क्या होगा
राज़ यज़दानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
सज़ा के झेलने वाले ये सोचना है गुनाह
कोई क़ुसूर भी तुझ से कभी हुआ कि नहीं
राज़ यज़दानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ठहर के पाँव के काटे निकालने वाले
ये होश है तो जुनूँ कामयाब क्या होगा
राज़ यज़दानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ठहर के तलवों से काँटे निकालने वाले
ये होश है तो जुनूँ कामयाब क्या होगा
राज़ यज़दानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
वो सामने सर-ए-मंज़िल चराग़ जलते हैं
जवाब पाँव न देते तो मैं कहाँ होता
राज़ यज़दानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |