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क़ौस सिद्दीक़ी शायरी | शाही शायरी

क़ौस सिद्दीक़ी शेर

1 शेर

यही तो होता है शीशे के कारोबार का हश्र
उजड़ गया है अचानक हरा-भरा बाज़ार

क़ौस सिद्दीक़ी