सारे पत्थर नहीं होते हैं मलामत का निशाँ
वो भी पत्थर है जो मंज़िल का निशाँ देता है
परवेज़ अख़्तर
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सारे पत्थर नहीं होते हैं मलामत का निशाँ
वो भी पत्थर है जो मंज़िल का निशाँ देता है
परवेज़ अख़्तर