EN اردو
उबैदुर्रहमान आज़मी शायरी | शाही शायरी

उबैदुर्रहमान आज़मी शेर

1 शेर

फ़लक से मुझ को शिकवा है ज़मीं से मुझ को शिकवा है
यक़ीं मानो तो ख़ुद अपने यक़ीं से मुझ को शिकवा है

उबैदुर्रहमान आज़मी