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नूर तक़ी नूर शायरी | शाही शायरी

नूर तक़ी नूर शेर

1 शेर

परिंदों में तो ये फ़िरक़ा-परस्ती भी नहीं देखी
कभी मंदिर पे जा बैठे कभी मस्जिद पे जा बैठे

नूर तक़ी नूर