दिन तो ख़ैर गुज़र जाता है
रातें पागल कर देती हैं
नून मीम दनिश
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गर्दिश-ए-माह-ओ-साल से आगे निकल गया हूँ मैं
जैसे बदल गए हो तुम जैसे बदल गया हूँ मैं
नून मीम दनिश
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ये भी तो जब्र-ए-वक़्त है तू मुझे याद भी नहीं
जैसे सँभल गए हो तुम वैसे सँभल गया हूँ मैं
नून मीम दनिश
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