औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम होती है
औरत अपना आप गँवाए तब भी मुजरिम होती है
नीलमा सरवर
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कोई तो आए ख़िज़ाँ में पत्ते उगाने वाला
गुलों की ख़ुशबू को क़ैद करना कोई तो सीखे
नीलमा सरवर
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