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नईम गिलानी शायरी | शाही शायरी

नईम गिलानी शेर

2 शेर

मौत से आगे तक के मंज़र देखे हैं
तन्हाई से यूँही डर नहीं जाता मैं

नईम गिलानी




उतनी देर समेटूँ सारे दुख तेरे
जितनी देर ऐ दोस्त बिखर नहीं जाता मैं

नईम गिलानी