दीवार ख़स्ता-हाल है और दर उदास है
जब से कोई गया है मिरा घर उदास है
नासिर बशीर
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ता-अबद जिस का न साया जाए
पेड़ ऐसा भी लगाया जाए
नासिर बशीर
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