अपनी पर्वाज़ को मैं सम्त भी ख़ुद ही दूँगा
तो मुझे अपनी रिवायात का पाबंद न कर
नामी अंसारी
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अपनी पर्वाज़ को मैं सम्त भी ख़ुद ही दूँगा
तू मुझे अपनी रिवायात का पाबंद न कर
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