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नजमी सिद्दीक़ी शायरी | शाही शायरी

नजमी सिद्दीक़ी शेर

1 शेर

ज़मीन पाँव तले है न आसमाँ सर पर
पड़े हैं घर में कई लोग बे-घरों की तरह

नजमी सिद्दीक़ी