ख़याल अपना कमाल अपना उरूज अपना ज़वाल अपना
ये किन भुलैयों में डाल रखा है कैसी लीला रची हुई है
नजीबा आरिफ़
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ख़याल अपना कमाल अपना उरूज अपना ज़वाल अपना
ये किन भुलैयों में डाल रखा है कैसी लीला रची हुई है
नजीबा आरिफ़