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मुक़ीम एहसान कलीम शायरी | शाही शायरी

मुक़ीम एहसान कलीम शेर

1 शेर

सहारा न देती अगर मौज-ए-तूफ़ाँ
डुबो ही दिया था हमें ना-ख़ुदा ने

मुक़ीम एहसान कलीम