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मुजाहिद फ़राज़ शायरी | शाही शायरी

मुजाहिद फ़राज़ शेर

2 शेर

अभी दिखाओ न तस्वीर-ए-ज़िंदगी इस को
ये बचपना है अभी मुस्कुराना चाहता है

मुजाहिद फ़राज़




फ़साद, क़त्ल, तअस्सुब, फ़रेब, मक्कारी
सफ़ेद-पोशों की बातें हैं क्या बताऊँ मैं

मुजाहिद फ़राज़