EN اردو
मोहम्मद ताहा खान शायरी | शाही शायरी

मोहम्मद ताहा खान शेर

1 शेर

वही है इख़्तिलाफ़-ए-बाहमी की अंजुमन अब तो
फ़क़त शादी के दिन उस ने मिलाई हाँ में हाँ मेरी

मोहम्मद ताहा खान