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मोहम्मद फ़ीरोज़ शाह शायरी | शाही शायरी

मोहम्मद फ़ीरोज़ शाह शेर

1 शेर

'फ़ीरोज़' मैं ने ख़ुद ही सलासिल पहन लिए
मुमकिन नहीं है अब तो रिहाई मिरे लिए

मोहम्मद फ़ीरोज़ शाह