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मोहम्मद अली तिशना शायरी | शाही शायरी

मोहम्मद अली तिशना शेर

1 शेर

आँख पड़ती है कहीं पाँव कहीं पड़ता है
सब की है तुम को ख़बर अपनी ख़बर कुछ भी नहीं

मोहम्मद अली तिशना