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मीर ताहिर अली ताहिर फ़र्रुख़ाबादी शायरी | शाही शायरी

मीर ताहिर अली ताहिर फ़र्रुख़ाबादी शेर

1 शेर

ऐ ज़ब्त एक थोड़ी सी बाक़ी थी आबरू
रोने ने रात-दिन के मिटा दी रही-सही

मीर ताहिर अली ताहिर फ़र्रुख़ाबादी