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मासूम शर्क़ी शायरी | शाही शायरी

मासूम शर्क़ी शेर

1 शेर

'मासूम' अजब है हाल-ए-चमन हर शोले का यहाँ बदला है चलन
शाख़ों को जलाया जाता है ताइर को सताया जाता है

मासूम शर्क़ी