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मारूफ़ देहलवी शायरी | शाही शायरी

मारूफ़ देहलवी शेर

1 शेर

दर्द-ए-सर में है किसे संदल लगाने का दिमाग़
उस का घिसना और लगाना दर्द-ए-सर ये भी तो है

मारूफ़ देहलवी