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मनोज अज़हर शायरी | शाही शायरी

मनोज अज़हर शेर

2 शेर

रात बे-सुध हो के सोएगी यहाँ
इस लिए सूरज ने पर्दा कर लिया

मनोज अज़हर




यूँ चार दिन की बहारों के क़र्ज़ उतारे गए
तुम्हारे बअ'द के मौसम फ़क़त गुज़ारे गए

मनोज अज़हर