ख़्वाब ठहरे थे तो आँखें भीगने से बच गईं
वर्ना चेहरे पर तो ग़म की बारिशों का अक्स है
मलिका नसीम
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ख़्वाब ठहरे थे तो आँखें भीगने से बच गईं
वर्ना चेहरे पर तो ग़म की बारिशों का अक्स है
मलिका नसीम