चीन ओ अरब हमारा हिन्दोस्ताँ हमारा
रहने को घर नहीं है सारा जहाँ हमारा
मजीद लाहौरी
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लीडरी में भला हुआ उन का
बंदगी में मिरा भला न हुआ
मजीद लाहौरी
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मुर्ग़ियाँ कोफ़ते मछली भुने तीतर अंडे
किस के घर जाएगा सैलाब-ए-ग़िज़ा मेरे बाद
मजीद लाहौरी
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