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लैस क़ुरैशी शायरी | शाही शायरी

लैस क़ुरैशी शेर

1 शेर

तल्ख़ाबा-ए-हयात पिया है तमाम उम्र
अब और क्या मिलाएगा साक़ी शराब में

लैस क़ुरैशी