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लईक़ अकबर सहाब शायरी | शाही शायरी

लईक़ अकबर सहाब शेर

1 शेर

आईना दिल का तोड़ के कहता है संग-ज़न
दिल तेरा तोड़ कर मुझे अच्छा नहीं लगा

लईक़ अकबर सहाब