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ख़ावर नक़वी शायरी | शाही शायरी

ख़ावर नक़वी शेर

1 शेर

कभी मैं ढलता हूँ काग़ज़ पे नक़्श की सूरत
मैं लफ़्ज़ बन के किसी की ज़बाँ में तैरता हूँ

ख़ावर नक़वी