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ख़लिश कलकत्वी शायरी | शाही शायरी

ख़लिश कलकत्वी शेर

1 शेर

शिकवा अपनों से किया जाता है ग़ैरों से नहीं
आप कह दें तो कभी आप से शिकवा न करें

ख़लिश कलकत्वी