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ख़लिश बड़ौदवी शायरी | शाही शायरी

ख़लिश बड़ौदवी शेर

1 शेर

यहाँ तो चारों तरफ़ क़त्ल हो रहे हैं लोग
मैं कैसे दूँगा अकेला शहादतें सब की

ख़लिश बड़ौदवी