EN اردو
ख़ालिद रहीम शायरी | शाही शायरी

ख़ालिद रहीम शेर

1 शेर

इसी मिट्टी से हसब और नसब था अपना
क्यूँ हुए शहर में आवारा बहुत मत पूछो

ख़ालिद रहीम