बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थे 
फिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया
ख़ालिद महमूद
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                शायद कि मर गया मिरे अंदर का आदमी 
आँखें दिखा रहा है बराबर का आदमी
ख़ालिद महमूद
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