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जौहर मीर शायरी | शाही शायरी

जौहर मीर शेर

2 शेर

हम जहाँ रहते हैं वो दश्त वो घर
दश्त लगते हैं न घर लगते हैं

जौहर मीर




कोई मौसम भी सज़ा-वार-ए-मोहब्बत नहीं अब
ज़र्द पत्तों को हवाओं से शिकायत नहीं अब

जौहर मीर