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जमील अज़ीमाबादी शायरी | शाही शायरी

जमील अज़ीमाबादी शेर

1 शेर

कुंज-ए-क़फ़स ही जिस का मुक़द्दर हुआ 'जमील'
उस की नज़र में दौर-ए-ख़िज़ाँ क्या बहार क्या

जमील अज़ीमाबादी