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इन्तेसार हुसैन आबिदी शाहिद शायरी | शाही शायरी

इन्तेसार हुसैन आबिदी शाहिद शेर

1 शेर

रू-ब-रू आईने के मैं हूँ नज़र वो आए
हो भी सकता है ये होना मगर आसान नहीं

इन्तेसार हुसैन आबिदी शाहिद