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हमीद जाज़िब शायरी | शाही शायरी

हमीद जाज़िब शेर

1 शेर

आज इंसाँ ने भुला डाले हैं यज़्दाँ के करम
हम ने तो ज़ुल्म भी एहसान तिरे जाने हैं

हमीद जाज़िब