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हमीद अलमास शायरी | शाही शायरी

हमीद अलमास शेर

1 शेर

शजर-ए-तर न यहाँ बर्ग-ए-शनासा कोई
इस क़रीने से सजाया है ये मंज़र किस ने

हमीद अलमास