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हमदम कशमीरी शायरी | शाही शायरी

हमदम कशमीरी शेर

1 शेर

बदले हुए से लगते हैं अब मौसमों के रंग
पड़ता है आसमान का साया ज़मीन पर

हमदम कशमीरी