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ग्यान चन्द शायरी | शाही शायरी

ग्यान चन्द शेर

2 शेर

धरती और अम्बर पर दोनों क्या रानाई बाँट रहे थे
फूल खिला था तन्हा तन्हा चाँद उगा था तन्हा तन्हा

ग्यान चन्द




फ़िक्र की दुनिया में कोलम्बस बना फिरता हूँ मैं
इल्म की पहनाई का कितना बड़ा फ़ैज़ान है

ग्यान चन्द