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गोपालदास नीरज शायरी | शाही शायरी

गोपालदास नीरज शेर

1 शेर

अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई

गोपालदास नीरज