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ग़ज़नफ़र हाशमी शायरी | शाही शायरी

ग़ज़नफ़र हाशमी शेर

1 शेर

अजब तरह का अधूरापन है मिरे बयाँ में
सो मेरा क़िस्सा कहीं सुनाने में रह गया है

ग़ज़नफ़र हाशमी