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फ़य्याज़ तहसीन शायरी | शाही शायरी

फ़य्याज़ तहसीन शेर

3 शेर

जिसे पाने की ख़्वाहिश में जिए थे
उसी की ज़ात का इंकार करना

फ़य्याज़ तहसीन




कुछ उक़दे ऐसे होते हैं जो न ही खुलें तो बेहतर है
कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें दिल में छुपा लेना अच्छा

फ़य्याज़ तहसीन




तुझे ख़बर है कि इब्तिदा भी है इंतिहा भी
जहान-ए-मअ'नी में दरमियाँ को भी याद रखना

फ़य्याज़ तहसीन