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फ़ैज़ी निज़ाम पुरी शायरी | शाही शायरी

फ़ैज़ी निज़ाम पुरी शेर

1 शेर

जब बुलंदी पर पहुँच जाते हैं लोग
किस क़दर छोटे नज़र आते हैं लोग

फ़ैज़ी निज़ाम पुरी