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फ़ैसल अज़ीम शायरी | शाही शायरी

फ़ैसल अज़ीम शेर

1 शेर

जिसे कल रात भर पूजा गया था
वो बुत क्यूँ सुब्ह को टूटा हुआ था

फ़ैसल अज़ीम