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फ़हमीदा रियाज़ शायरी | शाही शायरी

फ़हमीदा रियाज़ शेर

1 शेर

किस से अब आरज़ू-ए-वस्ल करें
इस ख़राबे में कोई मर्द कहाँ

फ़हमीदा रियाज़